Competitions, Job and Career Oriented Initiative

प्राचीन भारतीय इतिहास के श्रोत (Sources of ancient Indian history)

Sources of Ancient Indian History प्राचीन भारतीय इतिहास के श्रोत
History in Hindi Lesson 01
  1. इतिहास का पिता किसे कहा जाता है - हेरोडोटस को 
  2. इतिहास का वह काल जिसमे लिखित साधन उपलब्ध नही होते कहलाता है - प्रागैतिहासिक काल 
  3. इतिहास का वह काल जिसमे लिखित साधन तो उपलब्ध तो है, परन्तु या तो वह अस्पष्ट या उससे पढ़ा ना गया हो - आध्य एतिहासिक काल  
  4. इतिहास का वह काल जिसमे पुरातात्विक साधन, लिखित साधन के साथ-साथ विदेशियों के वृतांत भी उपलब्ध हो - एतिहासिक काल 
Sources of ancient Indian history
  1. किन स्थानों से प्राप्त अभिलेखों से अशोक के नाम की स्पष्ट जानकारी प्राप्त होती है - मास्की और गुर्ज्जरा 
  2. अशोक के अधिकतर अभिलेख किस भाषा में लिखी गई है - ब्राह्मी लिपि 
  3. ब्राह्मी लिपि को सबसे पहले पढ़ा था - जेम्स प्रिंसेप (1837)
  4. ग्वालियर प्रशस्ति में किस शासक के उपलब्धियों का वर्णन है - राजा भोज 
  5. हाथी गुफा अभिलेख सम्बंधित है - कलिंगराज खारवेल 
  6. नासिक अभिलेख सम्बंधित है - गौतमी बलश्री 
  7. गिरनार शिलालेख सम्बंधित है - रुद्र्दामा 
  8. भीतरी स्तम्भ लेख सम्बंधित है - स्कन्द गुप्त 
  9. जूनागढ़ शिलालेख सम्बंधित है  - स्कन्द गुप्त  और रुद्र्दामा 
  10. देवपाड़ा अभिलेख सम्बंधित है - बंगाल के शासक विजयसेन 
  11. एहोल अभिलेख सम्बंधित है - पुलकेशी द्वितीय 
  12. पुष्यमित्र शुंग द्वारा संपन अश्वमेध यज्ञ की चर्चा मिलती है - पतंजलि के महाभाष्य में  तथा अयोध्या अभिलेख में )
  13. पतंजलि किसके पुरोहित थे  - पुष्यमित्र शुंग के 
  14. अयोध्या अभिलेख सम्बंधित है - धनदेव 
  15. जूनागढ़ शिलालेख से जानकारी प्राप्त होती है - रुद्रदामा के राज्य विस्तार की  
  16. किस संधिप्रत्र से वैदिक देवताओ मित्र, वरुण, इंद्र और नासत्य की जानकारी प्राप्त होती है - एशिया मायनर में बोगजकोइ संधि प्रत्र  
  17. भारतीय प्राचीनतम सिक्के जिन पर कोइ लेख नहीं है कहलाते है - आहत सिक्के
  18. सर्वप्रथम सिक्को पर लेख लिखवाने का कार्य प्रारम्भ किया - यवन शासको ने  
  19. किस शासक के सिक्को में, शासक को वीणा बजाते हुई दिखाया गया है - समुन्द्र गुप्त  
  20. किस के सिक्को पर युप बना होता था तथा अश्वमेध पराक्रम लिखे होते थे - समुद्र गुप्त 
  21. उत्तर भारत के मंदिरों की कला शैली कहलाती थी - नागर शैली 
  22. दक्षिण भारत के मंदिरों की कला शैली कहलाती थी - द्रविड़ शैली 
  23. नागर शैली और द्रविड़ शैली का प्रयोग किया जाता था - दक्षिणापथ मंदिरों में 
  24. दक्षिणापथ मंदिरों की शैली को कहा गया - वेसर शैली 
Sources of ancient Indian history
  1. भारत का प्राचीनतम धर्म ग्रन्थ है - वेद 
  2. वेद के संकलनकर्ता किसे माना जाता है - महर्षि कृष्ण दैपायण वेद व्यास 
  3. वेदों की संख्या है - चार
  4. चार वेद है - ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्वेद 
  5. सबसे प्राचीन वेद है - ऋग्वेद
  6. ऋग्वेद में कितने मंडल है - दस 
  7. ऋग्वेद में कितने सूक्त है - 1028
  8. ऋग्वेद में वर्णित दशराज युद्ध किनके बिच लड़ा गया - भरत कबीले के सुदास और पुरू कबीले के बिच 
  9. भरत कबीले के पुरोहित थे - वशिष्ठ 
  10. पुरू कबीले अथवा दस राजाओ के पुरोहित थे - विश्वामित्र
  11.  सामवेद में साम का शाब्दिक अर्थ होता है - गान 
  12. अंधविश्वास पर आधारित जादू टोने की चर्चा किस वेद में है - अथर्ववेद  
  13. चारो वेदों को कहा जाता है - संहिता
  14. वेदो को सरलता से समझने के लिए किस की रचना की गयी - ब्राहमण  
  15. ऋग्वेद से जुड़े ब्राह्मण है - ऐतरेय, कौषीतकी
  16. यजुर्वेद से जुड़े ब्राह्मण है - तैत्रिरीय तथा शतपथ 
  17. सामवेद से जुड़े ब्राह्मण है - पंचविश 
  18. अथर्वेद से जुड़े ब्राह्मण है - गोपथ 
  19. वैदिक कालीन कृषि वयस्था की चर्चा किस ब्राह्मण में है - शतपथ ब्राह्मण में   
  20. आर्यों के दार्शनिक विचारों की जानकारी प्राप्त होती है - उपनिषद से 
  21. वेदों के अंग किसे कहा गया - शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद और ज्योतिष 
  22. वैदिक स्वरों के शुद्ध उच्चारण करने के लिए निर्माण किया गया - शिक्षा शास्त्र का 
  23. विधि और नियमो का प्रतिपादन है - कल्पसूत्र में 
  24. कल्प सूत्र के भाग है - श्रोत सूत्र, गृहम सूत्र और धर्म सूत्र 
  25. श्रोत सूत्र में चर्चा है - यज्ञ सम्बंधित नियम 
  26. गृहम सूत्र में चर्चा है - मनुष के लौकिक और पारलौकिक कर्तव्यो के विषय में 
  27. धर्म सूत्र में चर्चा है - सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक कर्तव्यो का 
  28. महाभारत की रचना की थी - वेदव्यास ने 
  29. अष्टाध्यायी नामक व्याकरण लिखा गया  - पाणिनि द्वारा 
  30. अष्टाध्यायी पर महाभाष्य नामक टिका किसके द्वारा लिखा गया - पतंजलि 
  31. निरुक्त की रचना किसने की - यास्क ने 
  32. धर्मशास्त्र के रूप में जाने जाते है - स्मृति 
  33. सबसे प्राचीन स्मृति है - मनु स्मृति 
  34. मनु स्मृति का रचना काल है - 200 ई० पू० से 200 ई० 
  35. याज्ञवल्क्य स्मृति का रचना काल है - 100 ई० से 300 ई० 
  36. नारद स्मृति का रचना काल है - 300 ई० से 400 ई० 
  37. पाराशर स्मृति का रचना काल है - 300 ई० से 500 ई० 
  38. बर्हस्पति स्मृति का रचना काल है - 300 ई० से 500 ई० 
  39. कात्यायन स्मृति का रचना काल है - 400 ई० से 600 ई० 
  40. मनु स्मृति की रचना की है - भृगुवंश के लोगो ने 
  41. शुंग कालीन भारत की जानकारी किस स्मृति से प्राप्त होती है - मनु स्मृति 
  42. गुप्त कालीन इतिहास की जानकारी किस स्मृति से प्राप्त होती है - नारद स्मृति 
  43. पुराणों के रचियता माने जाते है - लोमहर्ष अथवा उनके पुत्र उग्रशर्वा 
  44. मुख्यतः पुराणों की सख्या है - अठारह 
  45. विष्णु पुराण में किस वंश का उल्लेख मिलता है - मौर्य वंश 
  46. मत्स्य पुराण में किस वंश का उल्लेख मिलता है - आंध्र (सातवाहन )
  47. वायु पुराण में किस वंश का उल्लेख मिलता है - गुप्त वंश
  48. सबसे प्राचीनतम पुराण है - मत्स्य पुराण 
  49. त्रिपिटक है - सबसे प्राचीन बौद्ध ग्रन्थ 
  50. त्रिपिटक है - सूतपिटक, विनयपिटक, अभिधम्मपिटक
  51. सूतपिटक है - बुद्ध के धार्मिक विचारों और वचनों का संग्रह 
  52. विनयपिटक है - बौद्ध संघ के नियमो का संग्रह 
  53. अभिधम्मपिटक है - बौद्ध दर्शन का संग्रह 
  54. यूनानी राजा मिनांडर और बौद्ध भिक्षु नागसेन का दार्शनिक वार्तालाप है - मिलिंदप्न्हो में 
  55. कथावस्तु नामक ग्रथ किस संप्रदाय से सम्बंधित है - हीनयान (बौद्ध धर्म)
  56. ललितविस्तर तथा दिव्यावदान किस संप्रदाय से सम्बंधित है - महायान (बौद्ध धर्म)
  57. किस ग्रन्थ में बुद्ध को देवता मान लिया गया है - ललितविस्तर 
  58. जैन साहित्य को कहा जाता है - आगम 
  59. जैन धर्म का प्राम्भिक इतिहास प्राप्त होता है - कल्पसूत्र से
  60. कल्पसूत्र की रचना किसने की थी - भद्रवाहू ने
  61. महावीर के जीवन के विषय में जानकारी प्राप्त होती है - भगवतीसूत्र से
  62. अर्थशास्त्र के रचनाकार थे - कौटिल्य (चाणक्य)   
  63. मुद्राराक्षस कृति है - विशाखदत्त की 
  64. कथासरित्सागर कृति है - सोमदेव की
  65. नीतिसार कृति है - कामंदक की 
  66. नीतिवाक्यमृत कृति है - सोमदेव सुरि की 
  67. मालविकाग्निमित्र नामक नाटक कृति है - कालिदास की 
  68. मालविकाग्निमित्र से इतिहास प्राप्त होती है - शुंग वंश की 
  69. मृच्छकटिक नाटक के रचनाकार है - शूद्रक 
  70. दशकुमार चरित के रचनाकार है - दंडी 
  71. हर्षचरित के रचनाकार है - बाणभट्ट
  72. गौड़वहो कृति है - वाक्पति 
  73. गौड़वहो में किस शासक की उपलब्धियो की चर्चा है - कन्नौज के शासक यशोवर्मा की 
  74. विक्रमाकदेव चरित कृति है - बिल्हण की 
  75. विक्रमाकदेव चरित में किस शासक की उपलब्धियो की चर्चा है - कल्याणी के चालुक्य विकार्मादितय की 
  76. रामचरित कृति है - संध्याकरनंदी की   
  77. रामचरित में में किस शासक की उपलब्धियो की चर्चा है - बंगाल के शासक रामपाल की
  78. कुमारपाल चरित की रचना की - जयसिंह ने 
  79. द्वायाश्र्य काव्य की रचना की - हेमचन्द्र ने 
  80. नव साह्संकचरित के रंचनाकर है - पद्मगुप्त
  81. पृथ्वीराज विजय की रचना की - जयानक ने
  82. प्राचीन भारतीय साहित्य में किसे शुद्ध एतिहासिक ग्रन्थ माना जाता है - राज्त्रन्गिनी
  83. राज्त्रन्गिनी के लेखक है - कल्हण 
  84. राज्त्रन्गिनी से कहा के इतिहास के विषय में जानकारी प्राप्त होती है - कश्मीर 
  85. इंडिका के लेखक है - मेगस्थनीज 
  86. मेगस्थनीज  किसके दरवार में आया था - चन्द्रगुप्त मौर्य
  87. मेगस्थनीज  किसका राजदूत था - सेल्यूकस निकेटर का  
  88. मेगस्थनीज  अनुसार भारत में कितने जातीया थी -सात 
  89. मेगस्थनीज से भारत में दास प्रथा के विषय में क्या जानकारी प्राप्त होती है - मेगस्थनीज के अनुसार भारत में दास प्रथा नहीं थी 
  90. नेचुरल हिस्ट्री के लेखक है - प्लिमी 
  91. भारत का भूगोल के लेखक है - टालमी 
  92. पेरिप्लस ऑफ़ दी एरिथीयन सी के लेखक है - ज्ञात नहीं है 
  93. फाहियान किस गुप्त शासक के दरवार में आया था - चन्द्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) 
  94. युवान च्वांग किसके राज्य काल में भारत आया था - हर्ष के राज्य काल में 
  95. युवान च्वांग के अनुसार हर्ष किस धर्म का अनुयायी था - महायान बौद्ध धर्म का 
  96. युवान च्वांग का भर्मण वृतांत किस नाम से उपलब्ध है - सि - यू - की 
  97. तहकीक उल हिन्द किसकी रचना है - अल्बुरुनी 
  98. अल्बुरुनी किसका समकालीन था - महमूद गजनवी 
  99. अरबो की सिंध विजय की चर्चा मिलती है - चचनामा में 
  100. गार्गी संहिता ग्रन्थ आधारित है - ज्योतिष विज्ञानं पर 

No comments:

Post a Comment