History in Hindi Lesson 01
- इतिहास का पिता किसे कहा जाता है - हेरोडोटस को
- इतिहास का वह काल जिसमे लिखित साधन उपलब्ध नही होते कहलाता है - प्रागैतिहासिक काल
- इतिहास का वह काल जिसमे लिखित साधन तो उपलब्ध तो है, परन्तु या तो वह अस्पष्ट या उससे पढ़ा ना गया हो - आध्य एतिहासिक काल
- इतिहास का वह काल जिसमे पुरातात्विक साधन, लिखित साधन के साथ-साथ विदेशियों के वृतांत भी उपलब्ध हो - एतिहासिक काल
Sources of ancient Indian history
- किन स्थानों से प्राप्त अभिलेखों से अशोक के नाम की स्पष्ट जानकारी प्राप्त होती है - मास्की और गुर्ज्जरा
- अशोक के अधिकतर अभिलेख किस भाषा में लिखी गई है - ब्राह्मी लिपि
- ब्राह्मी लिपि को सबसे पहले पढ़ा था - जेम्स प्रिंसेप (1837)
- ग्वालियर प्रशस्ति में किस शासक के उपलब्धियों का वर्णन है - राजा भोज
- हाथी गुफा अभिलेख सम्बंधित है - कलिंगराज खारवेल
- नासिक अभिलेख सम्बंधित है - गौतमी बलश्री
- गिरनार शिलालेख सम्बंधित है - रुद्र्दामा
- भीतरी स्तम्भ लेख सम्बंधित है - स्कन्द गुप्त
- जूनागढ़ शिलालेख सम्बंधित है - स्कन्द गुप्त और रुद्र्दामा
- देवपाड़ा अभिलेख सम्बंधित है - बंगाल के शासक विजयसेन
- एहोल अभिलेख सम्बंधित है - पुलकेशी द्वितीय
- पुष्यमित्र शुंग द्वारा संपन अश्वमेध यज्ञ की चर्चा मिलती है - पतंजलि के महाभाष्य में तथा अयोध्या अभिलेख में )
- पतंजलि किसके पुरोहित थे - पुष्यमित्र शुंग के
- अयोध्या अभिलेख सम्बंधित है - धनदेव
- जूनागढ़ शिलालेख से जानकारी प्राप्त होती है - रुद्रदामा के राज्य विस्तार की
- किस संधिप्रत्र से वैदिक देवताओ मित्र, वरुण, इंद्र और नासत्य की जानकारी प्राप्त होती है - एशिया मायनर में बोगजकोइ संधि प्रत्र
- भारतीय प्राचीनतम सिक्के जिन पर कोइ लेख नहीं है कहलाते है - आहत सिक्के
- सर्वप्रथम सिक्को पर लेख लिखवाने का कार्य प्रारम्भ किया - यवन शासको ने
- किस शासक के सिक्को में, शासक को वीणा बजाते हुई दिखाया गया है - समुन्द्र गुप्त
- किस के सिक्को पर युप बना होता था तथा अश्वमेध पराक्रम लिखे होते थे - समुद्र गुप्त
- उत्तर भारत के मंदिरों की कला शैली कहलाती थी - नागर शैली
- दक्षिण भारत के मंदिरों की कला शैली कहलाती थी - द्रविड़ शैली
- नागर शैली और द्रविड़ शैली का प्रयोग किया जाता था - दक्षिणापथ मंदिरों में
- दक्षिणापथ मंदिरों की शैली को कहा गया - वेसर शैली
Sources of ancient Indian history
- भारत का प्राचीनतम धर्म ग्रन्थ है - वेद
- वेद के संकलनकर्ता किसे माना जाता है - महर्षि कृष्ण दैपायण वेद व्यास
- वेदों की संख्या है - चार
- चार वेद है - ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्वेद
- सबसे प्राचीन वेद है - ऋग्वेद
- ऋग्वेद में कितने मंडल है - दस
- ऋग्वेद में कितने सूक्त है - 1028
- ऋग्वेद में वर्णित दशराज युद्ध किनके बिच लड़ा गया - भरत कबीले के सुदास और पुरू कबीले के बिच
- भरत कबीले के पुरोहित थे - वशिष्ठ
- पुरू कबीले अथवा दस राजाओ के पुरोहित थे - विश्वामित्र
- सामवेद में साम का शाब्दिक अर्थ होता है - गान
- अंधविश्वास पर आधारित जादू टोने की चर्चा किस वेद में है - अथर्ववेद
- चारो वेदों को कहा जाता है - संहिता
- वेदो को सरलता से समझने के लिए किस की रचना की गयी - ब्राहमण
- ऋग्वेद से जुड़े ब्राह्मण है - ऐतरेय, कौषीतकी
- यजुर्वेद से जुड़े ब्राह्मण है - तैत्रिरीय तथा शतपथ
- सामवेद से जुड़े ब्राह्मण है - पंचविश
- अथर्वेद से जुड़े ब्राह्मण है - गोपथ
- वैदिक कालीन कृषि वयस्था की चर्चा किस ब्राह्मण में है - शतपथ ब्राह्मण में
- आर्यों के दार्शनिक विचारों की जानकारी प्राप्त होती है - उपनिषद से
- वेदों के अंग किसे कहा गया - शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद और ज्योतिष
- वैदिक स्वरों के शुद्ध उच्चारण करने के लिए निर्माण किया गया - शिक्षा शास्त्र का
- विधि और नियमो का प्रतिपादन है - कल्पसूत्र में
- कल्प सूत्र के भाग है - श्रोत सूत्र, गृहम सूत्र और धर्म सूत्र
- श्रोत सूत्र में चर्चा है - यज्ञ सम्बंधित नियम
- गृहम सूत्र में चर्चा है - मनुष के लौकिक और पारलौकिक कर्तव्यो के विषय में
- धर्म सूत्र में चर्चा है - सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक कर्तव्यो का
- महाभारत की रचना की थी - वेदव्यास ने
- अष्टाध्यायी नामक व्याकरण लिखा गया - पाणिनि द्वारा
- अष्टाध्यायी पर महाभाष्य नामक टिका किसके द्वारा लिखा गया - पतंजलि
- निरुक्त की रचना किसने की - यास्क ने
- धर्मशास्त्र के रूप में जाने जाते है - स्मृति
- सबसे प्राचीन स्मृति है - मनु स्मृति
- मनु स्मृति का रचना काल है - 200 ई० पू० से 200 ई०
- याज्ञवल्क्य स्मृति का रचना काल है - 100 ई० से 300 ई०
- नारद स्मृति का रचना काल है - 300 ई० से 400 ई०
- पाराशर स्मृति का रचना काल है - 300 ई० से 500 ई०
- बर्हस्पति स्मृति का रचना काल है - 300 ई० से 500 ई०
- कात्यायन स्मृति का रचना काल है - 400 ई० से 600 ई०
- मनु स्मृति की रचना की है - भृगुवंश के लोगो ने
- शुंग कालीन भारत की जानकारी किस स्मृति से प्राप्त होती है - मनु स्मृति
- गुप्त कालीन इतिहास की जानकारी किस स्मृति से प्राप्त होती है - नारद स्मृति
- पुराणों के रचियता माने जाते है - लोमहर्ष अथवा उनके पुत्र उग्रशर्वा
- मुख्यतः पुराणों की सख्या है - अठारह
- विष्णु पुराण में किस वंश का उल्लेख मिलता है - मौर्य वंश
- मत्स्य पुराण में किस वंश का उल्लेख मिलता है - आंध्र (सातवाहन )
- वायु पुराण में किस वंश का उल्लेख मिलता है - गुप्त वंश
- सबसे प्राचीनतम पुराण है - मत्स्य पुराण
- त्रिपिटक है - सबसे प्राचीन बौद्ध ग्रन्थ
- त्रिपिटक है - सूतपिटक, विनयपिटक, अभिधम्मपिटक
- सूतपिटक है - बुद्ध के धार्मिक विचारों और वचनों का संग्रह
- विनयपिटक है - बौद्ध संघ के नियमो का संग्रह
- अभिधम्मपिटक है - बौद्ध दर्शन का संग्रह
- यूनानी राजा मिनांडर और बौद्ध भिक्षु नागसेन का दार्शनिक वार्तालाप है - मिलिंदप्न्हो में
- कथावस्तु नामक ग्रथ किस संप्रदाय से सम्बंधित है - हीनयान (बौद्ध धर्म)
- ललितविस्तर तथा दिव्यावदान किस संप्रदाय से सम्बंधित है - महायान (बौद्ध धर्म)
- किस ग्रन्थ में बुद्ध को देवता मान लिया गया है - ललितविस्तर
- जैन साहित्य को कहा जाता है - आगम
- जैन धर्म का प्राम्भिक इतिहास प्राप्त होता है - कल्पसूत्र से
- कल्पसूत्र की रचना किसने की थी - भद्रवाहू ने
- महावीर के जीवन के विषय में जानकारी प्राप्त होती है - भगवतीसूत्र से
- अर्थशास्त्र के रचनाकार थे - कौटिल्य (चाणक्य)
- मुद्राराक्षस कृति है - विशाखदत्त की
- कथासरित्सागर कृति है - सोमदेव की
- नीतिसार कृति है - कामंदक की
- नीतिवाक्यमृत कृति है - सोमदेव सुरि की
- मालविकाग्निमित्र नामक नाटक कृति है - कालिदास की
- मालविकाग्निमित्र से इतिहास प्राप्त होती है - शुंग वंश की
- मृच्छकटिक नाटक के रचनाकार है - शूद्रक
- दशकुमार चरित के रचनाकार है - दंडी
- हर्षचरित के रचनाकार है - बाणभट्ट
- गौड़वहो कृति है - वाक्पति
- गौड़वहो में किस शासक की उपलब्धियो की चर्चा है - कन्नौज के शासक यशोवर्मा की
- विक्रमाकदेव चरित कृति है - बिल्हण की
- विक्रमाकदेव चरित में किस शासक की उपलब्धियो की चर्चा है - कल्याणी के चालुक्य विकार्मादितय की
- रामचरित कृति है - संध्याकरनंदी की
- रामचरित में में किस शासक की उपलब्धियो की चर्चा है - बंगाल के शासक रामपाल की
- कुमारपाल चरित की रचना की - जयसिंह ने
- द्वायाश्र्य काव्य की रचना की - हेमचन्द्र ने
- नव साह्संकचरित के रंचनाकर है - पद्मगुप्त
- पृथ्वीराज विजय की रचना की - जयानक ने
- प्राचीन भारतीय साहित्य में किसे शुद्ध एतिहासिक ग्रन्थ माना जाता है - राज्त्रन्गिनी
- राज्त्रन्गिनी के लेखक है - कल्हण
- राज्त्रन्गिनी से कहा के इतिहास के विषय में जानकारी प्राप्त होती है - कश्मीर
- इंडिका के लेखक है - मेगस्थनीज
- मेगस्थनीज किसके दरवार में आया था - चन्द्रगुप्त मौर्य
- मेगस्थनीज किसका राजदूत था - सेल्यूकस निकेटर का
- मेगस्थनीज अनुसार भारत में कितने जातीया थी -सात
- मेगस्थनीज से भारत में दास प्रथा के विषय में क्या जानकारी प्राप्त होती है - मेगस्थनीज के अनुसार भारत में दास प्रथा नहीं थी
- नेचुरल हिस्ट्री के लेखक है - प्लिमी
- भारत का भूगोल के लेखक है - टालमी
- पेरिप्लस ऑफ़ दी एरिथीयन सी के लेखक है - ज्ञात नहीं है
- फाहियान किस गुप्त शासक के दरवार में आया था - चन्द्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य)
- युवान च्वांग किसके राज्य काल में भारत आया था - हर्ष के राज्य काल में
- युवान च्वांग के अनुसार हर्ष किस धर्म का अनुयायी था - महायान बौद्ध धर्म का
- युवान च्वांग का भर्मण वृतांत किस नाम से उपलब्ध है - सि - यू - की
- तहकीक उल हिन्द किसकी रचना है - अल्बुरुनी
- अल्बुरुनी किसका समकालीन था - महमूद गजनवी
- अरबो की सिंध विजय की चर्चा मिलती है - चचनामा में
- गार्गी संहिता ग्रन्थ आधारित है - ज्योतिष विज्ञानं पर
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