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भूगोल अध्याय 01 (सौर्यमंडल)


20 मिनट्स में आप का स्वागत है.....

आज से हम भूगोल के विषय में चर्चा करेंगे......


वर्तमान समय में सभी प्रतियोगिता एग्जाम में भूगोल के प्रश्न की भागिता बढते जा रही है, विशषज्ञों का मानना है की, भूगोल हमारे दैनिक जीवन को अत्यधिक प्रभावित करती है| जिस कारण भूगोल के प्रश्नों की सख्या बढ़ी है, साथ ही आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता भी भूगोल की प्रशांगिकता को सुनिश्चित करती है| अतः प्रतियोगिता एग्जाम में भूगोल एक महत्वपूर्ण विषय के रूप प्रतीत होती है|



भूगोल हमे माध्मिक विद्यालयों से ही पढाया जाता है, अतः भूगोल से हम सभी अवगत है| यहाँ हम भूगोल में उन अध्यायों पर विशेष ध्यान देंगे जहां से प्रश्न पूछे जाते है|



भूगोल का आशय ऐसे विज्ञान से है, जहां हम सौरमंडल, ग्रह, उपग्रह के विषय में पढ़ते है| पृथ्वी सौरमंडल का महत्वपूर्ण ग्रह है, जीवन केवल इसी ग्रह में पाई जाती है, अतः भूगोल में पृथ्वी का अध्ययन विशेष रूप से किया जाता है| भूगोल दो शब्दों भू (पृथ्वी) और गोल से मिल कर बना है| भूगोल को विषय के रूप में परिभाषित करने श्रेय यूनानियो को है|

प्रथम अध्याय  सौर्यमंडल

सौर्यमंडल, सूर्य 8 ग्रहों तथा 166 ज्ञात उपग्रहों का समहू है| प्लूटो को अगस्त 2006 के अंतराष्टीय खगोलीय संगठन के प्राग बैठक में, सौर परिवार से अलग कर दिया गया है| प्लूटो को अब बौने ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है| सौर्यमंडल के मध्य में सूर्य है, और 8 ग्रह सूर्य की निरंतर परिक्रमा कर रही है, साथ ही उपग्रह अपने ग्रहों की परिक्रमा कर रहे है| सूर्य, ग्रह तथा उपग्रह गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा एक दुसरे से जुड़े होते है| कॉपरनिकस ने 1543 में अपनी खोज में प्रमाणित किया की सूर्य  ब्रम्हांड के केंद्र में है और सारे ग्रह पिंड इसकी परिक्रमा करते हैं।

सूर्य (SUN)


सूर्य एक तारा है, जिसके चारो और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते है| सूर्य सौरमंडल का सबसे बड़ा पिंड है| सूर्य की उर्जा का स्रोत हाइड्रोजन और हीलियम गैसे है| सूर्य केंद्र में ऊर्जा परमाणु विलय (नाभिकीय संलयन) की प्रक्रिया द्वारा प्राप्त होती है| सूर्य का केन्द्रीय भाग क्रोड़ कहलाता है| सूर्य के बाहरी सतह का तापमान लगभग 6000 डिग्री सेल्सियस है| सूर्य की पृथ्वी से न्यूनतम दूरी 14.70 करोड़ किमी है तथा अधिकतम दूरी 15.21 करोड़ किमी है। सूर्य का व्यास 13,92,684 किमी है। सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी में पहुचने में 8 मिनट 16.6 सेकेण्ड का समय लगता है| सूर्य में 71% हाइड्रोजन, 26.5% हिलीयम तथा 2.5% रासायनिक मिश्रण होता हैं| सूर्य-ग्रहण के समय सूर्य के दिखाई देने वाला भाग सूर्य किरीट (corona) कहलाता है|

बुध (MERCURY)

बुध, सौरमण्डल का सबसे छोटा तथा सूर्य के सबसे निकट का ग्रह है, साथ ही द्रव्यमान में आंठवे क्रमांक पर है। सूर्य के सबसे निकट होने के कारण बुध केवल 88 दिनों में सूर्य की पूरी परिक्रमा कर लेता है, अतः इसका परिक्रमा काल अन्य ग्रहों से कम है| यह लोहे और जस्ते का बना है| बुध में चुम्बकीय गुण पाया जाता है| यह अपने परिक्रमा पथ पर 29 मील प्रति सेकेण्ड की गति से चक्कर लगाता हैं। इसका कोई उपग्रह नहीं है, मेरिनट- 10 बुध का कृत्रिम उपग्रह है। बुध को नंगी आखो से देखा जा सकता है| बुध में वायुमंडल नहीं पाया जाता, इस कारण सूर्य से इतने नजदीक होने के वावजूद यह ग्रह गर्म नहीं होता| वायुमंडल के अभाव में यहाँ जीवन संभव नहीं है| बुध का तापांतर 560 सेंटिग्रेट है, जो अन्य ग्रहों से सर्वाधिक है| इसका घूर्णन काल 59 दिन है।

शुक्र (VENUS)

सूर्य से दूरी में शुक्र बुध के बाद आता है, तथा आकार में छठंवा बड़ा ग्रह है। इसका व्यास 12¸104 किलोमीटर है। यह सौरमंडल का सबसे चमकीला तथा सबसे गर्म ग्रह है। इसका तापमान 462° सेंटीग्रेट है। इसे साँझ का तारा तथा भोर का तारा भी कहा जाता  है| सूर्य की परिक्रमा करने मे इसे 225 दिन लगते हैं। यह अन्य ग्रहों के विपरीत दिशा अर्थात पूर्व से पश्चिम, सूर्य की परिक्रमा करता है( अरुण के समान )। इसलिए सूर्योदय पश्चिम की तरफ तथा सूर्यास्त पूर्व में होता है। इसके वायुमंडल में लगभग 95% कार्बन डाई आँक्साइड तथा 3.5% भाग नाइट्रोजन है। शुक्र पृथ्वी के सबसे निकट का ग्रह है। शुक्र घनत्व, आकार, व्यास में पृथ्वी के समान है, अतः इसे पृथ्वी की बहन के उपनाम से भी जाना जाता है| शुक्र को नंगी आखो से देखा जा सकता है| इसका भी कोइ उपग्रह नहीं है| सूर्य और पृथ्वी के बीच में होने के कारण यह अर्न्तग्रह की श्रेणी में आता है।

पृथ्वी (EARTH)

पृथ्वी सौर परिवार का सबसे अनोखा सदस्य है, जीवन की उपस्थिति केवल इसी ग्रह में पाई जाती है| यह सुर्य से तीसरा, आकार एवं द्रव्यमान में पाँचवां ग्रह है। आतंरिक ग्रहों में सब से बड़ा है| पृथ्वी पर जल की उपस्थिति के कारण यह अंतरिक्ष से नीली दिखाई देती है। इसलिए इसे नीला ग्रह कहते हैं। पृथ्वी पर 71% भाग जल है तथा 29% भाग स्थलीय है। सुर्य से पृथ्वी की औसत दूरी को खगोलीय इकाई कहते हैं। ये लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है। यह अपने अक्ष पर 23½° झुकी हुई है जिससे ऋतू परिवर्तन होता है। यह पश्चिम से पूर्व अपने अक्ष पर 1610 किमी प्रति घंटा की चाल से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकेंड में एक चक्कर लगाती है। पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा दीर्घवृत्ताकार पथ पर 29.72 किमी प्रति सेकेंड की चाल से 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकेंड ( 365 दिन 6 घंटे ) मे करती है| पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में लगे समय को सौर वर्ष कहते हैं। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी 15 करोड़ किमी है। 3 जनवरी को पृथ्वी, सूर्य के सबसे निकट होती है, तब यह दूरी लगभग 14.70 करोड़ किमी होती है, इस अवस्था को उपसौर कहते हैं। पृथ्वी 4 जुलाई को सूर्य से सबसे अधिक दूरी पर होती है लगभग 15.21 करोड़ किमी, इस अवस्था को अपसौर कहा जाता है। सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर 8 मिनट 18 सेकेंड पर पहुंचता है, तथा चंद्रमा का प्रकाश 1 मिनट 25 सेकेंड में पहुंचता है। पृथ्वी का सबसे निकट का तारा सूर्य के बाद प्राँक्सिमा सेन्चुरी है, जो पृथ्वी से लगभग 4.22 प्रकाश वर्ष दूर है। पृथ्वी का विषुवतीय व्यास 12756 किमी है और ध्रुवीय व्यास 12714 किमी है। पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह चंद्रमा है|

चंद्रमा ( Moon )


चंद्रमा छोटा सा पिंड है जो आकार में पृथ्वी से एक चौथाई है। चंद्रमा के अध्ययन करने वाले विज्ञान को सेलेनोलॅाजी कहा जाता है। चंद्रमा, पृथ्वी की परिक्रमा लगभग 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट 15 सेकेंड में करता है तथा इतने ही समय में अपने अक्ष पर घूर्णन करता है,यही कारण है कि पृथ्वी से चंद्रमा का एक ही भाग दिखाई देता है। चंद्रमा की पृथ्वी से औसत दूरी 38465 किमी है। चंद्रमा और पृथ्वी महीने में दो बार समकोण बनाते हैं| चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा को होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। इसकी उच्चतम पर्वत चोटी का नाम लीबनिट्ज है। चंद्रमा का व्यास लगभग 3476 तथा त्रिज्या 1738 किमी है। सूर्य के संदर्भ में चंद्रमा की परिक्रमा अवधि को साइनोडिक मास या चंद्र मास कहते हैं। चंद्रमा को जीवाश्म ग्रह भी कहा जाता है। चंद्रमा पर जुलाई 1969 में अपोलो-ll अंतरिक्ष यान से नील आर्मस्ट्रांग तथा एडविन आल्ड्रिन गए थे जिन्होंने पहली बार चंद्रमा की सतह पर कदम रखा। 'सी आफ ट्रांक्वेलिटी नामक स्थान चंद्रमा पर है।

मंगल (MARS)


मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है। आकाश में यह लाल रंग का दिखाई देता है, अतः इसे "लाल ग्रह" भी कहा जाता है, आयरन ऑक्साइड की अधिक मात्रा  के कारण यह लाल दिखाई देता है| पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है। यह अपने अक्ष पर 25 डिग्री के कोण पर झुका हुआ है जिसकी वजह से वहा मौसम परिवर्तित होते है| पृथ्वी के समान यह अपनी धुरी पर 24 घंटे 6 मिनट पर एक चक्कर लगाता है। यह 687 दिन में सूर्य की परिक्रमा करता है। इसके दो उपग्रह है - फोबोस और डीमोस। सौर मंडल का सबसे बड़ा ज्लामुखी ओलिपस मेसी (OLYMPUS MONSE ) मंगल पर है, साथ ही सौर मंडल का सबसे ऊचा पर्वत निक्स ओलंपिया भी मंगल पर है, जिसकी उचाई माउन्ट एवरेस्ट से तीन गुना ज्यादा है। सौर मंडल के सभी ग्रहों में हमारी पृथ्वी के अलावा, मंगल ग्रह पर जीवन और पानी होने की संभावना सबसे अधिक है।



बृहस्पति (JUPITER)


बृहस्पति सूर्य से पांचवाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। यह पृथ्वी से लगभग 1300 गुना अधिक बड़ा है। बृहस्पति को शनि, अरुण और वरुण के साथ एक गैसीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन चारों ग्रहों को बाहरी ग्रहों के रूप में जाना जाता है। यह ग्रह अपनी धुरी पर सबसे तेजी से घूमता है, जिसे यह लगभग 9 घंटे 55 मिनट में पूरा करता है| बृहस्पति को सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 11 वर्ष 9 महीने लगते हैं। इस ग्रह के वायुमंडल में हाड्रोजन, हीलीयम की अधिकता है। बृहस्पति के लगभग 16 उपग्रह है जिसमें गैनीमीड सबसे बड़ा उपग्रह है, यह पीले रंग का है। रोमन सभ्यता ने अपने देवता जुपिटर के नाम पर इसका नाम रखा था।

शनि (SATURN)

शनि सौरमंडल में बृहस्पति के बाद सबसे बड़ा ग्रह हैं, तथा ग्रहों के कर्मवार में यह सूर्य से छटे स्थान पर है| यह सूर्य की परिक्रमा 29 वर्षों में पुरा करता है। इसके चारों ओर एक वलय पाया जाता है जो इसकी विशिष्ट पहचान है। यह पीले रंग का ग्रह है। यह अपने धुरी पर 10 घंटे 40 मिनट में पूरा चक्र लगा लेता है| शनि को नंगी आखो से देखा जा सकता है| इसका घनत्व सबसे सबसे कम है| शनि के उपग्रहों की सख्या अन्य ग्रहों की तुलना में सबसे अधिक है| जिसमें टाइटन सबसे बड़ा है। टाइटन बृहस्पति के उपग्रह गिनिमेड के बाद दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह् है। टाइटन ऐसा उपग्रह है जिस पर वायुमंडल एवं गुरुत्वाकर्षण दोनों पाए जाते हैं। गैलीलियो ने सन् 1610 में दूरबीन की सहायता से इस ग्रह को खोजा था। शनि ग्रह की रचना 75% हाइड्रोजन और 25% हीलियम से हुई है। जल, मिथेन, अमोनिया और पत्थर यहाँ बहुत कम मात्रा में पाये जाते हैं| शनि में मिटटी-पत्थर की बजाय अधिकतर गैस पाये जाते है| इस कारण बृहस्पति, अरुण (युरेनस) और वरुण (नॅप्टयून) के साथ शनि को भी गैस दानव कहा जाता है|

अरुण (URANUS)



अरुण, सौर मण्डल में ग्रहों के कर्मवार में सूर्य से सातवाँ ग्रह है। व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का तीसरा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर चौथा बड़ा ग्रह है। यह एक गैसीय ग्रह है| 13 मार्च 1781 में विलियम हरशल ने इसकी खोज की घोषणा की थी। अरुण दूरबीन द्वारा पाए जाने वाला पहला ग्रह था। अरुण शुक्र की तरह पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है। यह सूर्य की परिक्रमा 84 वर्ष में करता है। तथा इसका घूर्णन काल  17 घंटे 14 मिनट है। यह अपने अक्ष पर इतना झुका हुआ है (लगभग 97°) कि लेटा हुआ दिखाई देता है| इसलिए इसे लेटा हुआ ग्रह कहा जाता है। मीथेन गैस की अधिकता के कारण यह नील-हरा (ब्लू-ग्रीन) रंग का दिखाई देता है। अरुण ग्रह में शनि की तरह चारों ओर वलय पाए जाते हैं, जिनके नाम  - अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा एवं इप्सिलॅान। इसके प्रमुख उपग्रह मिरांडा, एरियल, ओबेरॅान, टाइटैनिया, कॅार्डेलिया,ओफेलिया है|

वरुण (NEPTUNE)


वरुण, हमारे सौर मण्डल में सूर्य से आठवाँ ग्रह है। व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का चौथा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर तीसरा बड़ा ग्रह है। इस ग्रह की खोज 1846 ई. में  जॅान गाले ने की थी। यह अपने धुरी में 16 घंटे 7 मिनट में एक चक्र पूरा करता है| यह सूर्य की परिक्रमा 164 साल में पूरा करता है| यह नीले रंग का दिखाई देता है, क्योंकि इसके वायुमंडल में अमोनिया, हाइड्रोजन, मीथेन, नाइट्रोजन गैस की अधिकता है। इसके 8 उपग्रह है जिसमें ट्राइटन एवं नेरिड प्रमुख हैं।

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